Panchtantra Ki 5 Kahaniya | पंचतंत्र की 5 कहानियां

पंचतंत्र की कहानियाँ प्राचीन भारतीय कथाओं का एक प्रसिद्ध संग्रह हैं, जो विष्णु शर्मा द्वारा रचित मानी जाती हैं। ये कहानियाँ नीति, नैतिकता, और जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाने के लिए पशु-पात्रों के माध्यम से प्रस्तुत की गई हैं। पंचतंत्र को पाँच तंत्रों (भागों) में विभाजित किया गया है:

1. मित्र-भेद (मित्रों में फूट डालना)

2. मित्र-लाभ (मित्रता की प्राप्ति)

3. काकोलुकीयम् (कौआ और उल्लू की शत्रुता)

4. लभ्दप्रनाश (प्राप्त वस्तु का नाश)

5. अपरीक्षितकारक (बिना सोचे-विचारे कार्य)

पंचतंत्र की टॉप 5 कहानियाँ: देसी अंदाज में जिंदगी के सबक

1. मित्र-भेद: सिंह और साँड़ की दोस्ती

जंगल का बेताज बादशाह था पिंगल शेर, दिलेर और दिलवाला। उसका यार था संजीवक साँड़, जो गाँव से भटककर जंगल आ गया था। दोनों की दोस्ती जंगल में मशहूर थी। रोज नदी किनारे बैठकर गपशप करते, मस्ती चलती। लेकिन दो सियार, दमनक और करटक, को ये दोस्ती रास नहीं आई। दमनक ने सोचा, “इनकी यारी तोड़ दी, तो हम शेर के खास बन जाएँगे!” उसने पिंगल से कहा, “मालिक, संजीवक तुम्हें धोखा देने की सोच रहा है, जंगल में बगावत करेगा!” इधर, करटक ने संजीवक को भड़काया, “शेर तुझे मारने का प्लान बना रहा है!” 

संजीवक डर गया, पर उसका दिल साफ था। उसने सोचा, “अगर शेर ऐसा सोच रहा है, तो पहले हमला करूँगा।” एक दिन संजीवक ने गुस्से में पिंगल पर सींगों से हमला किया। पिंगल को गुस्सा आया, और उसने अपने पंजों से संजीवक को मार डाला। बाद में दमनक ने सच बताया कि ये उनकी चाल थी। पिंगल रोने लगा, पर अब उसका दोस्त जा चुका था।  

सीख: दोस्ती में गलतफहमी मत आने दे, चालाकों की बातों में फँसना नहीं!  

सवाल: क्या तुमने कभी दोस्ती में गलतफहमी का सामना किया?  

विजुअल सुझाव: शेर और साँड़ की दोस्ती का रंगीन कार्टून, फिर सियारों की चालाकी वाला सीन।  

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2. मित्र-लाभ: बंदर और मगरमच्छ

जंगल में चिंटू बंदर जामुन के पेड़ पर मस्ती करता था। नदी में रहता था मगन मगरमच्छ, बड़ा चालू। चिंटू रोज मगन को जामुन फेंकता, और दोनों की दोस्ती पक्की हो गई। मगन की बीवी को जामुन से ज्यादा चिंटू का कलेजा भाया। उसने मगन से कहा, “उस बंदर का कलेजा ला, मैं खाऊँगी!” मगन ने चिंटू को धोखे से नदी पार ले जाने का प्लान बनाया। बोला, “भाई, मेरे घर चल, बीवी ने दावत दी है!” 

चिंटू मगन की पीठ पर चढ़कर नदी पार करने लगा। बीच नदी में मगन ने सच बोल दिया, “भाई, सॉरी, बीवी को तेरा कलेजा चाहिए!” चिंटू ने दिमाग दौड़ाया और हँसकर बोला, “अरे मगन, मेरा कलेजा तो पेड़ की खोह में छोड़ आया! वापस चल, ले आता हूँ!” मगन उसे वापस ले गया। चिंटू पेड़ पर चढ़ा और चिल्लाया, “अबे मगन, तू तो बेवकूफ निकला! कलेजा बाहर रखता है कोई?” मगन शर्मिंदा होकर डूब गया।  

सीख: सच्ची दोस्ती में धोखा नहीं, और चतुराई से मुसीबत टालो!  

सवाल: क्या तुमने कभी चालाकी से मुसीबत से बचा?  

विजुअल सुझाव: जामुन का पेड़, नदी, और बंदर-मगरमच्छ का मजेदार कार्टून।  

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3. काकोलुकीयम्: कौआ और उल्लू की चाल

जंगल में कौए और उल्लू की पुरानी रंजिश थी। एक चालाक कौआ, काला भाई, ने सोचा, “इस दुश्मनी का फायदा उठाऊँ!” वो उल्लुओं के सरदार के पास गया और बोला, “बॉस, ये लड़ाई छोड़ो, दोस्ती करें!” उल्लू सरदार भोला था, उसने भरोसा कर लिया। काले ने उल्लुओं का ठिकाना ढूंढ लिया। रात को अपने कौए गैंग के साथ हमला कर दिया। उल्लुओं की नींद में धोखे से हार हो गई। काला भाई जीत गया, और जंगल में उसकी धाक जम गई।  

सीख: दुश्मन पर पूरा भरोसा मत कर, हमेशा चौकन्ना रह!  

सवाल: क्या तुमने कभी किसी की चाल पकड़ी?  

विजुअल सुझाव: रात में कौए और उल्लू का हमला, डार्क थीम वाला कार्टून।  

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4. लभ्दप्रनाश: लालची कुत्ता

एक लालची कुत्ता था, जिसे रसोई से रोटी का टुकड़ा मिला। वो रोटी मुँह में दबाए नदी के पुल पर जा रहा था। नदी के साफ पानी में उसने अपनी परछाई देखी। उसे लगा, “अरे, ये दूसरा कुत्ता मेरी रोटी से बड़ा टुकड़ा ले जा रहा है!” लालच में आकर उसने भौंकना शुरू किया ताकि दूसरा कुत्ता डर जाए। मुँह खोलते ही रोटी नदी में गिर गई और बह गई। कुत्ता उदास होकर देखता रह गया, जब उसे समझ आया कि वो उसकी परछाई थी।  

सीख: जो पास है, उसमें खुश रह, लालच में सब गँवा मत दे!  

सवाल: क्या तुमने कभी लालच में कुछ खोया?  

विजुअल सुझाव: कुत्ता और नदी में उसकी परछाई, उदास कुत्ते का कार्टून।  

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5. अपरीक्षितकारक: चार मूर्ख पंडित

चार पंडित थे, किताबी ज्ञान के बादशाह, पर अक्ल में जीरो। जंगल में उन्हें मरे शेर की हड्डियाँ मिलीं। पहला बोला, “मैं हड्डियाँ जोड़ दूँगा।” दूसरा बोला, “मैं मांस और चमड़ी लाऊँगा।” तीसरा बोला, “मैं इसमें जान डाल दूँगा।” चौथा चेतावनी देता रहा, “भाई, ये खतरनाक है!” लेकिन तीनों ने उसकी बात अनसुनी की। तीसरे ने शेर में जान डाल दी। शेर ने उठते ही तीनों को खा लिया। चौथा पेड़ पर चढ़कर बच गया।  

सीख: किताबी ज्ञान के साथ अक्ल भी चाहिए, वरना लेने के देने पड़ जाएँगे!  

सवाल: क्या तुमने कभी बिना सोचे कोई गलती की?  

विजुअल सुझाव: शेर और पंडितों का मजेदार कार्टून, पेड़ पर चढ़ा पंडित। 

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