Baccho ki Kahaniya in Hindi | बच्चों की कहानियां हिंदी में

नमस्ते, मेरे प्यारे छोटे-छोटे दोस्तों! 🌟 क्या आप तैयार हैं एक जादुई दुनिया में गोता लगाने के लिए, जहाँ बात करने वाले जानवर, चतुर बीरबल, और शरारती कृष्ण जी की कहानियाँ आपका इंतज़ार कर रही हैं? 🚪 आज हम ऐसी मज़ेदार और सीख से भरी कहानियों की सैर पर चलेंगे, जो आपको हँसाएँगी, सोचने पर मजबूर करेंगी, और ढेर सारी खुशियाँ देंगी! 🎉 तो, अपनी कल्पना के पंख फैलाओ, और चलो शुरू करते हैं ये कहानी यात्रा! 😊 कौन सी कहानी सुनना चाहोगे पहले?

खरगोश और कछुआ की कहानी🐰🐢

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Image Source: ChatGpt.com

नमस्ते, मेरे प्यारे नन्हे दोस्तों! 🌈 आज हम एक ऐसी कहानी सुनने जा रहे हैं, जो मज़ेदार है और हमें एक बहुत बड़ा सबक सिखाती है! तो, अपनी आँखें और कान खोल लो, और चलो जंगल की सैर पर! 🏞️

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कहानी शुरू होती है...

एक हरे-भरे जंगल में एक चंचल खरगोश रहता था। उसका नाम था खरखर! 🐰 खरखर बहुत तेज़ दौड़ता था और उसे अपनी रफ्तार पर बड़ा घमंड था। वो हर जानवर से कहता, "मुझसे तेज़ कोई नहीं दौड़ सकता! मैं हूँ जंगल का चैंपियन!" 😎

उसी जंगल में एक शांत और मेहनती कछुआ भी रहता था, जिसका नाम था कछु। 🐢 कछु धीरे-धीरे चलता था, लेकिन वो कभी हार नहीं मानता था। एक दिन खरखर ने कछु को देखकर हँसते हुए कहा, "अरे कछु, तुम तो इतने धीमे हो! क्या तुम मुझसे रेस में जीत सकते हो?" 😄

कछु ने मुस्कुराकर जवाब दिया, "खरखर, तेज़ दौड़ना अच्छा है, लेकिन धीरे और लगातार चलना भी कम नहीं। चलो, रेस करते हैं!" 

जंगल के सारे जानवर उत्साहित हो गए। 🦒🦒 एक बड़ा पेड़ से दूसरे बड़े पेड़ तक रेस रखी गई। सारे जानवर इकट्ठा हो गए और चिल्लाने लगे, "रेस शुरू!" 🎉

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रेस शुरू!

खरखर ने ज़ोर से छलाँग लगाई और पलक झपकते ही बहुत आगे निकल गया। उसने पीछे मुड़कर देखा तो कछु बहुत पीछे था, धीरे-धीरे अपने छोटे-छोटे कदमों से चल रहा था। खरखर हँसा, "हा हा! कछु तो कहीं नहीं है! मैं तो पहले ही जीत गया!" 😜 उसने सोचा, "थोड़ा आराम कर लेता हूँ।" वो एक पेड़ के नीचे लेट गया और उसे नींद आ गई। 😴

उधर, कछु धीरे-धीरे, बिना रुके चलता रहा। वो थका, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। "बस, एक कदम और... एक कदम और," वो अपने मन में कहता रहा। 🐢

जंगल के जानवर चिल्ला रहे थे, "कछु, चलते रहो!" 🦒🦒 धीरे-धीरे कछु उस पेड़ के पास पहुँचा, जहाँ खरखर सो रहा था। कछु ने उसे देखा, मुस्कुराया, और आगे बढ़ गया। 

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कौन जीता?

जब खरखर की आँख खुली, तो सूरज ढल रहा था। उसने देखा कि कछु फिनिश लाइन के पास है! 😲 खरखर ने पूरी ताकत से दौड़ लगाई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। कछु ने फिनिश लाइन पार कर ली! 🎉

सारे जानवर चिल्लाए, "कछु जीत गया! कछु जीत गया!" 🦒🦒 खरखर शर्मिंदा हो गया और बोला, "कछु, तुमने मुझे हरा दिया! मैंने तुम्हें कम समझा।"

कछु ने मुस्कुराकर कहा, "खरखर, तेज़ दौड़ना अच्छा है, लेकिन लगातार मेहनत और हिम्मत भी ज़रूरी है।" 😊

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कहानी का सबक  

मेरे छोटे दोस्तों, इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि **धीरे और लगातार मेहनत करने वाला हमेशा जीतता है**। घमंड नहीं करना चाहिए, और हार न मानकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। 💪

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बच्चों के लिए सवाल

1. तुम्हें क्या लगता है, खरखर ने क्या गलती की?  

2. कछु ने कैसे जीत हासिल की?  

3. तुमने कभी कोई काम धीरे-धीरे लेकिन लगातार करके पूरा किया है? हमें बताओ! 😊


कौवा और लोमड़ी की कहानी 🦊🐦

हेलो, मेरे प्यारे नन्हे सितारों! 🌟 तैयार हो जाओ एक और मज़ेदार कहानी की सैर पर, जो हमें हँसाएगी और एक प्यारा सा सबक भी सिखाएगी! तो, अपने कान खोलो और चलो जंगल की दुनिया में! 🌳

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कहानी शुरू होती है...

एक घने जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती थी, जिसका नाम था लल्ली। 🦊 लल्ली को हमेशा आसान तरीके से खाना ढूँढने की आदत थी। उसी जंगल में एक मेहनती कौवा रहता था, जिसका नाम था कालू। 🐦 कालू बहुत समझदार था और खाने के लिए मेहनत करता था।

एक सुबह, कालू को एक रोटी का टुकड़ा मिला। वो बहुत खुश हुआ और सोचा, "आज का नाश्ता पक्का!" 😋 उसने रोटी को अपनी चोंच में दबाया और एक ऊँचे पेड़ की डाल पर जा बैठा। वहाँ से वो जंगल का नज़ारा देखते हुए रोटी खाने की सोच रहा था।

नीचे से लल्ली लोमड़ी गुज़र रही थी। उसने कालू को रोटी के साथ देखा और उसका मुँह ललचाने लगा। 🦊 "अरे, वो तो मज़ेदार रोटी है! मुझे वो चाहिए!" लल्ली ने सोचा। लेकिन वो जानती थी कि कालू आसानी से रोटी नहीं देगा।

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लल्ली की चाल

लल्ली ने अपनी चालाकी भरी मुस्कान लगाई और पेड़ के नीचे खड़ी होकर बोली, "नमस्ते, कालू जी! आप तो आज बहुत सुंदर लग रहे हो! तुम्हारी काली चमकती पंखें तो जंगल की शान हैं!" 😄

कालू ने लल्ली की बात सुनी और थोड़ा खुश हुआ, लेकिन वो चुप रहा। लल्ली ने फिर कहा, "कालू, मैंने सुना है कि तुम्हारी आवाज़ तो बुलबुल से भी मधुर है! क्या तुम मुझे एक गाना सुना सकते हो? मैं तो तुम्हारा गाना सुनने के लिए तरस रही हूँ!" 🎶

कालू को अपनी तारीफ सुनकर बहुत अच्छा लगा। उसने सोचा, "क्यों न मैं लल्ली को अपनी आवाज़ सुनाऊँ?" उसने जैसे ही गाने के लिए चोंच खोली, "काँव-काँव!" रोटी नीचे गिर गई! 😲

लल्ली ने फटाक से रोटी पकड़ी और हँसते हुए बोली, "हा हा, कालू! तुम्हारी आवाज़ तो सचमुच मधुर है, लेकिन रोटी तो अब मेरी है!" 😜 और वो रोटी लेकर भाग गई।

कालू उदास हो गया। उसने सोचा, "मैं लल्ली की चाल में फँस गया। मुझे तारीफों पर इतना भरोसा नहीं करना चाहिए था।" 😔

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कहानी का सबक

मेरे प्यारे दोस्तों, इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि चापलूसी करने वालों से सावधान रहना चाहिए। हर कोई जो तुम्हारी तारीफ करे, वो तुम्हारा दोस्त नहीं होता। अपनी मेहनत की चीज़ों को संभालकर रखो और दूसरों की बातों में आकर जल्दबाज़ी मत करो। 💡

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बच्चों के लिए सवाल  

1. कालू ने क्या गलती की?  

2. लल्ली ने कालू को कैसे बेवकूफ बनाया?  

3. अगर तुम कालू की जगह होते, तो क्या करते? 😊

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